कहा लोमड़ी ने कौए से-
भैया गीत सुनाओ।
प्यारी है आवाज तुम्हारी
कैसे हमे बताओ॥
कौआ हँस कर बोला-नानी
कबसे वहाँ खड़ी हो।
तुम ही हमें सुनाओ कुछ
पद में भी बहुत बड़ी हो।
कहा लोमड़ी ने बेटा-
बूढ़ी हूँ, सुन न सकोगे।
मैं तो दूँगी सीख मगर तुम
उसको गुन न सकोगे।
कौए ने हठ किया कहा
नानी थोड़ा तो गाओ।
हँसी लोमड़ी, बोली-
पहले पास हमारे आओ॥