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लोर्का / मिक्लोश रादनोती

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क्योंकि स्पेन को तुम से प्रेम था
और प्रेम करने वाले तुम्हारी कविताएँ पढ़ते थे--
इसलिए जब वे आए तो सिवा इसके और क्या कर सकते थे--

तुम कवि थे इसलिए उन्होंने तुम्हें मार डाला
अब लोग लड़ रहे हैं तुम्हारे बगैर--
फेदरिको गार्सिया लोर्का


रचनाकाल : 1937

अंग्रेज़ी से अनुवाद : विष्णु खरे