भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

लौटते कभी नहीं / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

हिन्दी शब्दों के अर्थ उपलब्ध हैं। शब्द पर डबल क्लिक करें। अन्य शब्दों पर कार्य जारी है।

लौटते कभी नहीं
आँसू में गाए दिन
ओस में नहाए दिन।

सुधियों कि गोद में
रात-रात जागकर
भारी पलकों में सजे
उलझी अलकों में सजे
बीते जो तुम्हारे बिन
लौटते नहीं कभी।

पहुँच किसी मोड़ पर
रिश्ते सभी छोड़कर
फिर दूर तक निहारते
उस प्यार को पुकारते
फिसले हाथ से जो छिन
लौटते कभी नहीं।