लौट आया हूँ गाँव से ।
छोड़ आया हूँ पीछे
गाँव के लोगों को,
गाँव की सड़क को
और गाँव के छोटे-से स्टेशन को,
लेकिन रह गई है
मन में हिलती
ईख की सफ़ेद झण्डी ।
लौट आया हूँ गाँव से ।
छोड़ आया हूँ पीछे
गाँव के लोगों को,
गाँव की सड़क को
और गाँव के छोटे-से स्टेशन को,
लेकिन रह गई है
मन में हिलती
ईख की सफ़ेद झण्डी ।