भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
वर्ग-विभाजन / अशोक चक्रधर
Kavita Kosh से
दुनिया में
लोग होते हैं
दो तरह के-
पहले वे
जो जीवन जीते हैं
पसीना बहा के !
दूसरे वे
जो पहले वालों का
बेचते हैं-
रूमाल,
शीतल पेय,
पंखे
और....
ठहाके।