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वहां जाने के लिए / नवनीत पाण्डे
Kavita Kosh से
देखता हूं आसमान में
एक और आसमान
धरती पर एक और धरती
अपने भीतर
एक और मैं
जब चलता हूं इस नई धरती पर
रहता हूं नए आसमान की छांह में
मैं मर जाना चाहता हूं यहां
वहां जीने के लिए