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वह अलौकिक वस्त्रों की कामना करता है / सरिता शर्मा / विलियम बटलर येट्स

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अगर मेरे पास स्वर्ग के बूटेदार वस्त्र होते,
सोने और चान्दी के प्रकाश से बने हुए,
नीले और हल्के और गहरे रँग के वस्त्र
रात और प्रकाश और आधे प्रकाश के,

मैं वे वस्त्र तुम्हारे पैरों तले बिछा देता :
मगर, ग़रीब होने के कारण, मेरे पास बस मेरे सपने हैं;
मैंने अपने सपने तुम्हारे पैरों तले बिछा दिए हैं;
धीमे चलो, क्योंकि तुम मेरे सपनों पर चल रही हो ।

मूल अँग्रेज़ी से सरिता शर्मा द्वारा अनूदित

लीजिए अब पढ़िए यही कविता मूल अँग्रेज़ी में
         William Butler Yeats
He wishes for the Cloths of Heaven

Had I the heavens’ embroidered cloths,
Enwrought with golden and silver light,
The blue and the dim and the dark cloths
Of night and light and the half-light,

I would spread the cloths under your feet:
But I, being poor, have only my dreams;
I have spread my dreams under your feet;
Tread softly because you tread on my dreams.