वह उसे भूल सकती है जान कर
उसने ख़ुद अपने को धीरे-धीरे
भूलना शुरू कर दिया
कृशकाय वर्ष पूर्वजों की तरह बीत गए...
और एक दिन वह निकला अपने मकान के सामने से,
अपने दरवाज़े पर देर तक खड़ा
वह पहिचान नहीं पाया कि यह
कौन जा रहा है, सिर झुकाए, धीरे-धीरे...