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वह जिन लोगों का माज़ी से कोई रिश्ता नहीं होता / अनवर जलालपुरी
Kavita Kosh से
वह जिन लोगों का माज़ी से कोई रिश्ता नहीं होता
उन्हीं को अपने मुस्तक़बिल का अन्दाज़ा नहीं होता
नशीली गोलियों ने लाज रखली नौजवानों की
कि मैख़ाने जाकर अब कोई रुसवा नहीं होता
ग़लत कामों का अब माहौल आदी हो गया शायद
किसी भी वाक़ये पर कोई हंगामा नहीं होता
मेरी क़ीमत समझनी हो तो मेरे साथ साथ आओ
कि चौराहे पे ऐसे तो कोई सौदा नहीं होता
इलेक्शन दूर है उर्दू से हमदर्दी भी कुछ कम है
कि बाज़ारों में अब कहीं कोई जलसा नहीं होता