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वह : तीन / सुनील गज्जाणी

पण्‍डित जी
छूआछूत के पक्षधर हैं
अपने प्रवचन में कहीं ना कहीं
ऐसा प्रसंग अवश्‍य लाते हैं
मगर
मन्‍दिर हरिजन बस्‍ती से गुजर कर ही
आते है वह।