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वायदा / शशिप्रकाश
Kavita Kosh से
इस काव्यात्मक
लेकिन दुर्द्धर्ष संघर्ष में
हम दोनों में से
जो भी पहले मरेगा,
वह दूसरे का साहस और
स्वाभिमान बनेगा I
दिल में अधिक नहीं,
एक मीठी टीस की पतली लकीर जितनी
जगह लेकर, बस जाएगा
और दूसरा जिएगा
उस समय को
जो उसे हासिल होगा
फिर से शुरू करते हुए ज़िन्दगी
और अपने लक्ष्य और अपने लोगों को
उतना ही प्यार करते हुए I