विकास / शलभ श्रीराम सिंह
पृथ्वी युद्ध के भीतर से पैदा हुई
युद्ध के भीतर से पैदा हुआ आदमी
भाषा युद्ध के भीतर से पैदा हुई
प्रेम के प्रस्ताव की शक़्ल में ।
सभ्यता युद्ध के भीतर से पैदा हुई
युद्ध के भीतर से पैदा हुआ संगीत
कविता युद्ध के भीतर से पैदा हुई
शक्ति की आवश्यकता के अनुसार ।
व्यवस्था युद्ध के भीतर से पैदा हुई
युद्ध के भीतर से पैदा हुआ विचार
सिक्का युद्ध के भीतर से पैदा हुआ
हथियार की एक नई नस्ल की तरह ।
विज्ञान युद्ध के भीतर से पैदा हुई
युद्ध के भीतर से पैदा हुई कला
संस्कृति युद्ध के भीतर से पैदा हुई
भूगोल की नई पहचान बनकर ।
पत्थर युद्ध के भीतर से पैदा हुआ
युद्ध के भीतर से पैदा हुआ परमाणु
प्रार्थना युद्ध के भीतर से पैदा हुई
मानवीय मन के विषाद की घोषणा करती ।