Last modified on 24 मई 2008, at 21:16

विराट एशिया की सबसे विराट परियोजना / प्रमोद कौंसवाल

विराट एशिया की सबसे विराट परियोजना के लिए
सबसे बड़ा आसमान छोटा पड़ता जाता था
अरबों रुपये ख़र्च हो चुके थे
कहता रहा ये बनकर रहेगा
सपनों को नहीं रोका जा सकेगा
चाहे वे नेहरू ने देखे या
या देखे इंदिरा ने
मेरे खेत डूबने से नहीं रोके जा सकेंगे
लोग पैसा लेते रहेंगे
इतना मुआवज़ा कि पहाड़ी पर
मेरा गांव भी बदनाम हो जाएगा।