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विवशता / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय

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शेर नें
गिद्ध सें पूछलकै-
जंगल में ई दुर्गन्ध कैसन ?
गिद्धें कहलकै-
आदमी के लहास पड़ल छै
यै पर शेरें कहलकै-
ओकरा सलैटल्है की नै ?
जै पर गिद्धें कहलकै-
ओकर तन-मन पैहलै सें विषाक्त रहै
मरला के बाद आरो विषाय गेलै
खाय लायक भी नै रैह गेल छै।