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- 04:35, 16 जनवरी 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+2,978) . . न फिर कहाँ संभव रहा अब गीत कोई गुनगुनाऊँ / राकेश खंडेलवाल (नया पृष्ठ: भोर की हर किरन बन कर तीर चुभती है ह्रदय में और रातें नागिनों की भां…) (मौजूदा)
- 04:34, 16 जनवरी 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+150) . . राकेश खंडेलवाल