अनिल जनविजय
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द्विजेन्द्र द्विज
मौज़-ए-बहम हुईं तो किनारा नहीं रहा / परवीन शाकिर का नाम बदलकर मौजें बहम हुईं तो किनारा नहीं रहा / परव
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Shrddha
नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=परवीन शाकिर |संग्रह=खुली आँखों में सपना / परवीन …
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