Pratishtha
ये धूप किनारा शाम ढले / फ़ैज़ का नाम बदलकर ये धूप किनारा शाम ढले / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ कर दिया गया है
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अनिल जनविजय
New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ }} ये धूप किनारा शाम ढले, <br> मिलते हैं द...
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