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राख हुई आँखों की / बशीर बद्र

22 फ़रवरी 2008

  • Pratishtha

    New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=बशीर बद्र }} राख हुई आँखों की शम्एं, आँसू भी बेनूर हुए,<br>...

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