भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

सर ये फोड़िए / जॉन एलिया

3 bytes added, 04:06, 12 दिसम्बर 2010
[[Category:ग़ज़ल]]
सर ही अब येह फोड़िए अब नदामत में
नीन्द आने लगी है फुरकत में
10
edits