*[[भग्न तारों को सजाकर, / प्रथम सर्ग / गुलाब खंडेलवाल]]
*[[होती गयी रजनी गहन से गहनतर, / प्रथम सर्ग / गुलाब खंडेलवाल]]
*[[और एक दिन निशि के सूनेपन में रूग्ण पिता के / द्वितीय सर्ग / गुलाब खंडेलवाल]]
*[['मन्त्र पुराने काम नं न देंगें, मन्त्र नया पढ़ना है / तृतीय सर्ग/ गुलाब खंडेलवाल]]
*[[जन्मसिद्ध अधिकार मनुज का न्याय-शान्ति पाने का / चतुर्थ सर्ग / गुलाब खंडेलवाल]]
*[[आ चुके थे पर चतुर नायक पुलिस के / पंचम सर्ग / गुलाब खंडेलवाल]]
*[[हिन्दू-मुस्लिम-मेल, देश की मद्य-मुक्ति, सेवा हरिजन की / दशम सर्ग / गुलाब खंडेलवाल]]
*[[हृदय में भीति सत्ता के जगी थी / एकादश सर्ग / गुलाब खंडेलवाल]]
*[[थक कर थककर सोयी थी भारत-भू / द्वादश सर्ग / गुलाब खंडेलवाल]]
*[['प्रभो! इस देश को सत्पथ दिखाओ / त्रयोदश सर्ग / गुलाब खंडेलवाल]]