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* [[दरियाओं पर अब्र बरसते रहते हैं / आलम खुर्शीद]]
* [[बीच भँवर में पहले उतारा जाता है / आलम खुर्शीद]]
* [[चारों तरफ जमीं को शादाब देखता हूँ / आलम खुर्शीद]]
* [[उम्र सफर में गुजरी लेकिन शौके-सियाह्त बाकी है / आलम खुर्शीद]]
* [[हथेली की लकीरों में इशारा और है कोई / आलम खुर्शीद]]
* [[हर इक दीवार में अब दर बनाना चाहता हूँ / आलम खुर्शीद]]
* [[लुत्फ़ हम को आता है अब फ़रेब खाने में / आलम खुर्शीद]]
* [[रंग बिरंगे सपने रोज़ दिखा जाता है क्यों / आलम खुर्शीद]]
* [[क्यों आँखें बंद कर के रस्ते में चल रहा हूँ / आलम खुर्शीद]]
* [[याद आता हूँ तुम्हें सूरज निकल जाने के बाद / आलम खुर्शीद]]
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