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सबकी आँखों में झाँकता हूँ मै / कुमार अनिल
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09:35, 31 दिसम्बर 2010
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|रचनाकार=कुमार अनिल
|संग्रह=और कब तक चुप रहें / कुमार अनिल
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<poem>सबकी आँखों में झाँकता हूँ मैं
जाने क्या चीज ढूँढता हूँ मैं
Shrddha
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