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|संग्रह=अशुद्ध सारंग / हेमन्त शेष
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सामाजिकता का तकाजा है
 
मेरी मानें तो अभी आप हजामत न बनाएँ
 
(अर्थी के साथ जाते हुए
 
तो कम से कम किसी को प्रफुल्लित और चाक-चौबन्द
 
नज़र नहीं आना चाहिए!)
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