भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
{{KKShayar}}
<sort class="ul" order="asc">
*[[मेरे गीतों मेरी ग़ज़लों को रवानी दे दे / चाँद शुक्ला हादियाबादी]]
*[[तेरी आँखों का यह दर्पन अच्छा लगता है / चाँद शुक्ला हादियाबादी]]
*[[भर चुके ज़ख्मों को अब फिर न खरोचा जाये / चाँद शुक्ला हादियाबादी]]