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वही हमारी यह आर्य्य- भूमि ।।
जहाँ हुए साधु हा महान्
जहाँ सभी थे निज धर्म्म धारी,
वही हमारी यह आर्य्य-भूमि।।
हुए प्रजापाल नरेश नाना,
वही हमारी यह आर्य्य-भूमि।।
वीरांगना भारत-भामिली थीं,
वही हमारी यह आर्य्य-भूमि।।
स्वदेश-सेवी जन लक्ष लक्ष,
वही हमारी यह आर्य्य-भूमि।।
स्देश-कल्याण सुपुण्य जान,
वही हमारी यह आर्य्य-भूमि।।
न स्वार्थ का लेण जरा कहीं था,
वही हमारी यह आर्य्य-भूमि।।
कोई कभी धीर न छोड़ता था,
वही हमारी यह आर्य्य-भूमि।।
स्वदेश के शत्रु स्वशत्रु माने,
वही हमारी यह आर्य्य-भूमि।।
अनेक थे वर्णे तथापि सारे
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थी मातृभूमि-व्रत-भक्ति भारी,
वही हमारी यह आर्यभूमि ।।
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