भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

देवी की माया / अनिल जनविजय

20 bytes added, 07:23, 8 फ़रवरी 2011
|संग्रह=राम जी भला करें / अनिल जनविजय
}}
{{KKCatKavita‎}}<poem>
देवी जी की माया है उत्तरप्रदेश में ।
 
लक्ष्मी ने धंधा फैलाया है इस वेश में ।।
 
लाओ रुपया, लाओ रुपया, लाओ रुपया ।
 
यही ख़बर आती है उसके हर संदेश में ।।
 
 
घर असबाब साथ लिए घूमा करते हैं ।
 
नौकरशाही को हड़काया है उसने प्रदेश में ।।
 
जनता को सूली पर टाँगा, पैसे को बाप बनाया ।
 
उसने हाहाकार मचाया मुख्यनेत्री के भेष में ।।
 
दलित सवर्णों, सवर्ण दलितों का राज है देखो ।
 
मलेच्छों ने हाथ मिलाया है अब इस देश में ।।
 
 
(2002)
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,720
edits