Changes

<poem>
आग सीने में मोहब्बत की लगा देते हैं
"मीर" मिलते हैँ हैं मुझे जब भी रुला देते हैं
एक तुम हो कि गुनाह कह के टाल जाते हो
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
3,286
edits