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नज़र में ख़्वाब नए रात भर सजाते हुए / श्रद्धा जैन
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15:18, 17 फ़रवरी 2011
सभी ने देख लिया हमको मुस्कराते हुए
फ़ज़ा में देर तलक
साँसों
साँस
के शरारे थे
कहा है कान में कुछ उसने पास आते हुए
Shrddha
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