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नज़र में ख़्वाब नए रात भर सजाते हुए / श्रद्धा जैन
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14:46, 20 फ़रवरी 2011
हरेक नक्श तमन्ना का हो गया उजला
तेरी छुअन थी
तेरा है लम्स
कि जुगनू
थे
हैं
जगमगाते हुए
दिल-ओ-निगाह की साजिश जो कामयाब हुई
Shrddha
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