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वो जिसकी दीद में लाखों मसर्रतें <ref>ख़ुशियाँ</ref> पिन्हाँ
वो हुस्न जिसकी तमन्ना में जन्नतें पिन्हाँ
हज़ार फित्ने <ref>उपद्रव</ref> तहे-पा-ए-नाज़ <ref>सुंदरता के पैर के नीचे</ref> ख़ाकनशींहर एक निगाह ख़मारे-शबाब <ref>यौवन-मद</ref> से रंगीं
शबाब, जिससे तख़य्युल <ref>कल्पना</ref> पे बिजलियाँ बरसेंविक़ार <ref>गरिमा</ref> जिसकी रक़ाबत <ref>साथ</ref> को शोख़ियाँ तरसें
अदा-ए-लग़्ज़िशे-पा <ref>पैरों के काँपने का ढंग</ref> पर क़यामतें क़ुर्बांबयाज़े-रुख़ <ref>चेहरे का गोरा रंग</ref> पे सहर की सबाहतें <ref>सफ़ेदी, रौशनी</ref> क़ुर्बां
सियाह ज़ुल्फ़ों में वारफ़्तः <ref>बहती हुई</ref> नकहतों <ref>सुगंध</ref> तो हुजूम
तवील रातों की ख़्वाबीदः राहतों का हुजूम
वो आँख जिसके बना’व पे ख़ालिक <ref>सृष्टा</ref> इतराये
ज़बाने-शे’र को तारीफ़ करते शर्म आये
वो होंठ फ़ैज़ से जिनके बहारे-लालःफरोश
बहिश्त-ओ-कौसर-ओ-तसनीम-ओ-सलसबील <ref>जन्नत और उसकी नहरें</ref> ब-दोश <ref>कंधे पर लिए हुए</ref>
गुदाज़-जिस्म, क़बा जिस पे सज के नाज़ करे
दराज़ क़द जिसे सर्वे-सही <ref>सर्व के सीधे पेड़</ref> नमाज़ करे
ग़रज़ वो हुस्न जो मोहताज-ए-वस्फ़-ओ-नाम<ref>परिचय या नाम का मुहताज</ref> नहीं
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