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नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=चंद्र रेखा ढडवाल |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <poem> तुम हारो नही…
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{{KKRachna
|रचनाकार=चंद्र रेखा ढडवाल
|संग्रह=
}}
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तुम हारो नहीं
कमज़ोर न पड़ो
इसके लिए ज़रूरी है
कि दु:ख के
अवमानना के घृणा के
धनीभूत क्षणों में
तुम नितांत अकेले हो
याद रहे
</poem>
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|रचनाकार=चंद्र रेखा ढडवाल
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तुम हारो नहीं
कमज़ोर न पड़ो
इसके लिए ज़रूरी है
कि दु:ख के
अवमानना के घृणा के
धनीभूत क्षणों में
तुम नितांत अकेले हो
याद रहे
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