भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
'''पार्वती-मंगल'''
(प्रातः स्मरणीय गोस्वामी तुलसीदास जी ने देवाधिदेव भगवान शंकर के द्वारा जगदम्बा पार्वती के कन्याणमय पाणिग्रहण का काव्यमय चित्रण किया है। जगदम्बा पार्वतीनक भगवान् शंकर जैसे निरन्तर समाधि में लीन रहनेवाले, परम उदासीन वीतराग शिरोमणि के कान्तरूप में प्राप्त करने के लिये कैसी कठोर साधना की, कैसे -कैसे क्लेश सहे, किस प्रकार उनके आराध्यदेवने उनके प्रेमकी परीक्षा ली और अंत में कैसे उनकी अदम्य निष्ठा की जीत हुयी, इसका हृदयग्राही तथ मनोरम चित्र खींचा है। शिव बरात के वर्णनमें वर्णनमें गोस्वामीजी ने हास्यरस के मधुर पुट के साथ विवाह एवं विदाई का मार्मिक एवं रोचक वर्णन करके इस छोटे से काव्य का उपसंहार किया है।)
Mover, Reupload, Uploader
7,916
edits