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|रचनाकार=बरीस पास्तेरनाक
|संग्रह=कविताएँ पास्तरनाक की / बरीस पास्तेरनाक
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<Poem>
काली झरबेरी के पात, अमसृण-से लगते हैं, कैनवास की तरह ।