भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
मेरे साथ उसकी तस्वीर जला दी जाए
उन आँखों में नमी गर एक बूँद भी हो बाक़ी
वो इक बूँद उस गदेली से उठा ली जाए
तहज़ीबे-इश्क़ <ref>प्यार करने का ढंग</ref> जो उसे सताये ताउम्रउसे मुझसे थोड़ी -सी बेवफ़ाई सिखा दी जाए
मैं कौन हूँ मैं क्या हूँ किससे हूँ मेरे ख़ुदा
बिगड़ी बात ‘नज़र’ की उसके हाथों आज बना दी जाए
ख़ुदा से हर एक दुआ में माँगा था उसकोकाश ‘विनय’ वो हर हरेक दुआ ठुकरा दी जाए
{{KKMeaning}}
</poem>