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Kavita Kosh से
/* चांद का मुँह टेढ़ा है में मुझे याद आते हैं */
डूबता चाँद, कब डूबेगा!!
==''चांद का मुँह टेढ़ा है'' में ''मुझे याद आते हैं''==
मेरे पास जो किताब है, उसमें एक तो बिंदियाँ फॉन्ट-सैट में ही नहीं है, और दूसरे कईं जगह छपाई भी मिटी हुई है। आपकी महरबानी होगी अगर आप मेरी इस किताब को कोश पर डालने में मेरी मदद करते रहें।
''मुझे याद आते हैं'' में जो शब्द मोटे अक्षरों में लिखे हैं, उनके हिज्जे पूरे या ठीक कर लीजिए और फॉन्ट-स्टाइल रैगुलर कर दीजिए।
==हेमेंद्र साहब, आज मेरा काम कर दीजिए==
--[[सदस्य:Sumitkumar kataria|Sumitkumar kataria]] ०८:३७, ३ फरवरी २००८ (UTC)
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