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तुम कत गाइ चरावन जात / सूरदास
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|रचनाकार=सूरदास
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तुम कत गाइ चरावन जात ।<br>
पिता तुम्हारौ नंद महर सौ, अरु जसुमति सी जाकी मात ॥<br>
Pratishtha
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