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मैं गा लूं जग की पीड़ा माँ!! / राजीव रंजन प्रसाद
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20:06, 19 अप्रैल 2011
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<poem>वीणा के तार से गीत बजें
मैं गा लूँ जग की पीड़ा माँ
Pratishtha
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