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वसंत / त्रिलोचन
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13:24, 28 मार्च 2011
{{KKRachna
|रचनाकार=त्रिलोचन
|संग्रह=चैती / त्रिलोचन
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}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
नव वसंत खिला जब भाग्य सा,
भुवन में तब जीवन आ गया,
गगन ने उस को अपनाव से,
अतुल गौरव से, अपना किया
.
।
</poem>
Pratishtha
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