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{{KKLokRachna
|रचनाकार=अज्ञात
}}
{{KKLokGeetBhaashaSoochi
|भाषा=खड़ी बोली
}}
'''मल्हार'''
<poem>
बारह बरस में री जोगी आयो रे
अरे जोगी आये मैया के दरबार,
सुनो जी राजा भरथरी<br>
भिक्षा को डारो री मैया तावली
अरी मैया कब से खड़ें हैं तेरे द्वार
सुनो जी राजा भरथरी<br>
भिक्षा तो डारति मैया रो पड़ी
अरे जोगी तेरी सूरति को मेरो लाल
सुनो जी राजा भरथरी<br>
तू तो री मैया मेरी बावली
अरी मैया मेरी सूरति को कोई और
सुनो जी राजा भरथरी<br>
बारह बरस में री जोगी आयो रे
अरे जोगी आये बहना के दरबार,
सुनो जी राजा भरथरी<br>
भिक्षा को डारो री बहना तावली
अरी बहना कब से खड़ें हैं तेरे द्वार
सुनो जी राजा भरथरी<br>
भिक्षा तो डारति बहना रो पड़ी
अरे जोगी तेरी सूरति को मेरो भ्रात
सुनो जी राजा भरथरी<br>
तू तो री बहना मेरी बावली
अरी बहना मेरी सूरति को कोई और
सुनो जी राजा भरथरी<br>
बारह बरस में री जोगी आयो रे
अरे जोगी आये रानी के दरबार,
सुनो जी राजा भरथरी<br>
भिक्षा को डारो री रानी तावली
अरी रानी कब से खड़ें हैं तेरे द्वार
सुनो जी राजा भरथरी<br>
भिक्षा तो डारति रानी रो पड़ी
अरे जोगी तेरी सूरति के मेरे कंत
सुनो जी राजा भरथरी<br>
तू तो री रानी मेरी बावली
अरी रानी मेरी सूरति को कोई और
सुनो जी राजा भरथरी
</poem>
{{KKLokRachna
|रचनाकार=अज्ञात
}}
{{KKLokGeetBhaashaSoochi
|भाषा=खड़ी बोली
}}
'''मल्हार'''
<poem>
बारह बरस में री जोगी आयो रे
अरे जोगी आये मैया के दरबार,
सुनो जी राजा भरथरी<br>
भिक्षा को डारो री मैया तावली
अरी मैया कब से खड़ें हैं तेरे द्वार
सुनो जी राजा भरथरी<br>
भिक्षा तो डारति मैया रो पड़ी
अरे जोगी तेरी सूरति को मेरो लाल
सुनो जी राजा भरथरी<br>
तू तो री मैया मेरी बावली
अरी मैया मेरी सूरति को कोई और
सुनो जी राजा भरथरी<br>
बारह बरस में री जोगी आयो रे
अरे जोगी आये बहना के दरबार,
सुनो जी राजा भरथरी<br>
भिक्षा को डारो री बहना तावली
अरी बहना कब से खड़ें हैं तेरे द्वार
सुनो जी राजा भरथरी<br>
भिक्षा तो डारति बहना रो पड़ी
अरे जोगी तेरी सूरति को मेरो भ्रात
सुनो जी राजा भरथरी<br>
तू तो री बहना मेरी बावली
अरी बहना मेरी सूरति को कोई और
सुनो जी राजा भरथरी<br>
बारह बरस में री जोगी आयो रे
अरे जोगी आये रानी के दरबार,
सुनो जी राजा भरथरी<br>
भिक्षा को डारो री रानी तावली
अरी रानी कब से खड़ें हैं तेरे द्वार
सुनो जी राजा भरथरी<br>
भिक्षा तो डारति रानी रो पड़ी
अरे जोगी तेरी सूरति के मेरे कंत
सुनो जी राजा भरथरी<br>
तू तो री रानी मेरी बावली
अरी रानी मेरी सूरति को कोई और
सुनो जी राजा भरथरी
</poem>