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Kavita Kosh से
और ख़ुशबू फैलते ही
फूलों के शौकीनों शौक़ीनों की भीड़ लगते
देर नहीं लगती
इस पूरी प्रकिया में
किसी का ध्यान ही नहीं जाता
जो सारा रक्त ख़ुद में ही