भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKAnooditRachna |रचनाकार=रित्सुको कवाबाता }} [[Category:जापानी भाषा]] <poem> मैं ओ…
{{KKGlobal}}
{{KKAnooditRachna
|रचनाकार=रित्सुको कवाबाता
}}
[[Category:जापानी भाषा]]
<poem>
मैं ओजोनी के लिए सेरी पका रही हूँ ,
इसका एक हरा कोमल तना है
सफ़ेद नीचे से .
बैंगनी,हरी पत्तियां
जैसे ही काटती हूँ इसे चाक़ू से
खेतों की तेज़ खुशबू
बस जाती है हर ओर मेरे .
याद दिलाती उन दिनों की
मेरे अपने शहर की
लहलहाती सेरियां निर्मल जलधारा में ,
जोड़ती दो चोटियों को
सोप्पोरो में मदमस्त त्सुकिसमु पहाड़ की .
मेरे बचपन में
गयी थी मैं, माँ के साथ चुनने सेरियां
वह पहने थी किमोनो, हल्का भूरा धारीदार
अब सोचती हूँ की वह केवल
बत्तीस साल की थी तब .
हैरान हूँ मैं कि क्यूँ वह दृश्य
इतना पुराना
चौंध रहा है मस्तिष्क में !
कितने गहरे छपा है यह मेरी यादों में !

'''अनुवादक: [[मंजुला सक्सेना]]'''
</poem>