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Kavita Kosh से
और प्रेम से जनमता है प्रेम
इंसान तो इंसान, धर्मग्रंथों का यह ज्ञान
तो मिट्टी तक के सामने ठिठक्कर ठिठककर रह जाता है
मिट्टी के इतिहास में मिट्टी के खिलौने हैं