भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
वनैले जंतुओं की
ऐसा ही हो रहा है
हर तरफ माहौल भय का
यही सच है
वह चुक चुकी है
महासमरों की पुरानी अनी
पाँवों में भूँकी भुँकी है
प्रश्न भी
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
54,129
edits