भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=त्रिपुरारि कुमार शर्मा }} {{KKCatTriveni}} <poem> मेरे ऑफिस मे…
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=त्रिपुरारि कुमार शर्मा
}}
{{KKCatTriveni}}
<poem>
मेरे ऑफिस में अब मेरा दिन का शिफ़्ट
और तुम्हारे ऑफिस में रात का शिफ्ट
नन्हे बच्चों को टुकड़ों में माँ-बाप मिले हैं
</poem>
{{KKRachna
|रचनाकार=त्रिपुरारि कुमार शर्मा
}}
{{KKCatTriveni}}
<poem>
मेरे ऑफिस में अब मेरा दिन का शिफ़्ट
और तुम्हारे ऑफिस में रात का शिफ्ट
नन्हे बच्चों को टुकड़ों में माँ-बाप मिले हैं
</poem>