भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
तीन कनौजी तेरह चूल्हे
बापपूत बाप पूत में बैर
जिनको दूध पिलाया वो ही
काट रह रहe हैं पैर
आखिर ऐसे ठंडे रिश्ते
कब तक ढोयें हम
27
edits