भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
'''सबसे बडा विधान'''
थ्जिसकी जिसकी लाठी भैंस उसी की
सबसे बड़ा विधान
 कहने केा के तो गाँव सभा का
है ‘पुतरैहा’ ताल,
पर पंचों ने मिलकर डाला
‘होरी’ की बरिया के सूखे
बिन पानी सब धान।
 
राशन कार्ड बँटे घर घर पर
बँटे न शक्कर तेल,
पक्के घर वालों ने पाया
राहत का अनुदान।
 
ककड़ीचोर बन्द थाने में
दफा लगीं दस बीस,
कतल किये पच्चीस,
ऊसर बंजर, चरागाह पर
कब्जा किये प्रधान
जिसकी लाठी भैंस उसी की
सबसे बड़ा विधान
</poem>
27
edits