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न तो मैं अफ़साना हूं,<br>
मैं हूं एक आम इंसान,<br>
इसलिए मैं हंसना हँसना चाहता हूं।,<br><br>
जैसे चाट-पकौड़ी खा,<br>
लोग करते हैं जायका परिवर्तन,<br>
वैसे ही मन हंसने हँसने को करता है,<br>मगर हंसी हँसी का 'खोमचा',<br>
नहीं लगता चौराहे पर,<br>
बात अन्तर्मन की है,<br>
कई दिनों से मन-,<br>
कर रहा था हंसने हँसने को,<br>
किन्तु-,<br>
हंसी हँसी आती है मगर,<br>
कितनी सतही? कितनी क्षणिक?,<br>
अन्तस की हर कली के साथ,<br>
मन तरस गया है हंसने हँसने को,<br>यूं तो हंसने हँसने के लिए,<br>
नहीं कमी हालातों की,<br>
किन्तु उन पर हंसनाहँसना,<br>
मुसीबत को दावत देना है।,<br><br>
हंसने हँसने के लिए एक क्षेत्र-,<br>
सुरक्षित है-,<br>
आम आदमी की बेचारगी पर,<br>
हंस हँस सकते हैं,<br>
किन्तु देखकर उसे,<br>
हंसने हँसने की जगह रोना आता है।,<br><br>
सोच समझ कर मैंने लिया निर्णय,<br>
क्यों न हंसने हँसने की रिहर्सल की जाए?,<br>
किन्तु प्रश्न था जगह का,<br>
जहां कोई रिस्क न हो?,<br>
अपने सहकर्मी से,<br>
मैं आफिस के कमरे में,<br>
हंसना हँसना चाहता हूं।,<br><br>
सुनते ही वह बरस पड़ा,<br>
आफिस में हंसना हँसना चाहते हो?,<br>
क्या इसके लिए परमीशन ली है?,<br>
तुरन्त मैंने परमीशन की अर्जी,<br>
उच्चाधिकारी खफ़ा हो गया,<br>
वे दौड़े-दौड़े आए और फ़रमाए,<br>
अचानक आपको आप को क्या हो गया है?,<br>आप क्यों हंसना हँसना चाहते हैं?,<br>
मुसीबत में क्यों पड़ना चाहते हैं?,<br>
और हमें भी मुसीबत में क्यों डालना चाहते हैं?,<br>
मैंने सहजता से कहा-,<br>
मुसीबत की क्या बात है?,<br>
मैं तो सिर्फ हंसना हँसना चाहता हूं,<br>
वे बोले यही तो मुसीबत है,<br>
आप अधिकारी होकर हंसना हँसना चाहते हैं,,<br>यदि हंसेंगे हँसेंगे आप-,<br>
अन्य कर्मचारियों पर क्या पड़ेगा प्रभाव?,<br>
सारा डेकोरम और डिसिप्लिन,<br>
हो जायेगा बर्बाद ।,<br>
मैंने कहा कुछ भी हो,<br>
मैं हंसूगा हँसूंगा जरूर।,<br><br>वे बोले ठीक है,हंसने हँसने का फार्म,<br>
दीजिए भर-,<br>
और करिए प्रतीक्षा कुछ दिनों तक,<br>
फार्म मंगवाया,गौर से पढ़ा,<br>
नाम ,पद,श्रेणी,उचित कारण के साथ,,<br>
हंसने हँसने का दिन ,समय, अवधि,<br>
और लाभ बताना था।,<br><br>
अंतिम कालम पर मैं ठिठक गया,<br>
पिछली बार हंसने हँसने की तिथि भरनी थी,<br>
मुझे याद नहीं ,<br>
मैं पिछली बार कब हंसा हँसा था?,<br>
शायद तब!,<br>
जब मां ने गोद में ले,<br>
नन्हे-नन्हे साथियों के साथ बैठ,<br>
शायद ! अन्तस की हर कली के साथ-,<br>
तब ही हंसा हँसा था।,<br>
पश्चात ईर्ष्या,द्वेष,तनाव,<br>
अंधी दौड़ के सिवा,कुछ याद नहीं,<br>
पिछली बार हंसने हँसने की सही तिथि,<br>
मुझे याद नहीं,<br>
अत: मुझे हंसने हँसने की अनुमति,<br>
मिल न सकी।,<br>
अब आप ही बताएं,<br>
मैं क्या करूं??क्योंकि-,<br>
मैं हंसना हँसना चाहता हूं।,<br>मैं हंसना हँसना चाहता हूं॥,<br><br>
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