भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
किसकी तक़दीर से दुनिया तेरी बेदार हुई ?
किसकी हैमत हैबत <ref>डर </ref> से सनम<ref>मूर्तियाँ </ref> सहमे हुए रहते थे ?
मुँह के बल गिरके 'हु अल्लाह-ओ-अहद' कहते थे ।