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राह फूलों से सजेगी एक दिन / गुलाब खंडेलवाल
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20:45, 30 जून 2011
प्यार की डोली उठेगी एक दिन
उनपे मरते हैं
,
हमारी मौत भी
ज़िन्दगी बनकर रहेगी एक दिन
प्यार सच्चा है तो मंज़िल दूर क्या!
खुद
ख़ुद
ही पाँवों से लगेगी एक दिन
ज़िन्दगी के ठाठ पर मत जाइए
Vibhajhalani
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