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Kavita Kosh से
एक अनजान बिसुधपन में जो हुआ सो ठीक
सोच किस-किस का किसका हो जीवन में, जो हुआ सो ठीक
प्यार के एक मधुर क्षण में, जो हुआ सो ठीक
काँपती झील के दर्पण में जो हुआ सो ठीक
आँसुओं ने में दी बहा याद हमारी उनसेउसने
कोई काँटा न रहा मन में, जो हुआ सो ठीक